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Class 8 वसंत भाग 3 Chapter 18. टोपी Summary, Explanation, Question Answers (NCERT Solutions)

Topi (18. टोपी) CBSE class 8 वसंत भाग 3 Chapter 18. टोपी summary with detailed explanation of the lesson Topi along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with summary, explanation and questions and answers of each topic of lesson 18. टोपी.

वसंत भाग 3 (Chapter 18. टोपी) Solution
 कहानी से

1. गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?

All Questions of वसंत भाग 3 Chapter 18. टोपी
कहानी से
1. गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?
2. गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।
3. टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक−एक कार्य को लिखें।
4. गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

कहानी से आगे
1. किसी कारीगर से बातचीत कीजिए और परिश्रम का उचित मूल्य नहीं मिलने पर उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी? ज्ञात कीजिए और लिखिए।
2. गवरइया की इच्छा पूर्ति का क्रम घूरे पर रुई के मिल जाने से प्रारंभ होता है। उसके बाद वह क्रमश: एक-एक कर कई कारीगरों के पास जाती है और उसकी टोपी तैयार होती है। आप भी अपनी कोई इच्छा चुन लीजिए। उसकी पूर्ति के लिए योजना और कार्य−विवरण तैयार कीजिए।
3. गवरइया के स्वभाव से यह प्रमाणित होता है कि कार्य की सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। सफलता के लिए उत्साह की आवश्यकता क्यों पड़ती है, तर्क सहित लिखिए।

अनुमान और कल्पना
1. टोपी पहनकर गवरइया राजा को दिखाने क्यों पहुँची जबकि उसकी बहस गवरा से हुई और वह गवरा के मुँह से अपनी बड़ाई सुन चुकी थी। लेकिन राजा से उसकी कोई बहस हुई ही नहीं थी। फिर भी वह राजा को चुनौती देने को पहुँची। कारण का अनुमान लगाइए।
2. यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार कैसा होता ?
3. चारों कारीगर राजा के लिए काम कर रहे थे। एक रजाई बना रहा था। दूसरा अचकन के लिए सूत कात रहा था। तीसरा धागा बून रहा था। चौथा राजा की सातवीं रानी की दसवीं संतान के लिए झब्बे सिल रहा था। उन चारों ने राजा का काम रोककर गवरइया का काम क्यों किया?

भाषा की बात
1. गाँव की बोली में कई शब्दों का उच्चारण अलग होता है। उनकी वर्तनी भी बदल जाती है। जैसे गवरइया गौरैया का ग्रामीण उच्चारण है। उच्चारण के अनुसार इस शब्ल की वर्तनी लिखी गई है। फुँदना, फुलगेंदा का बदला हुआ रूप है। कहानी में अनेक शब्द हैं जो ग्रामीण उच्चारण में लिखे गए हैं, जैसे − मुलुक-मुल्क, खमा-क्षमा, मजूरी-मजदूरी, मल्लार-मल्हार इत्यादि। आप क्षेत्रीय या गाँव की बोली में उपयोग होनेवाले कुछ ऐसे शब्दों को खोजिए और उनका मूल रूप लिखिए, जैसे − टेम-टाइम, टेसन/टिसन − स्टेशन।
2. मुहावरों के प्रयोग से भाषा आकर्षक बनती है। मुहावरे वाक्य के अंग होकर प्रयुक्त होते हैं। इनका अक्षरश: अर्थ नहीं बल्कि लाक्षणिक अर्थ लिया जाता है। पाठ में अनेक मुहावरे आए हैं। टोपी को लेकर तीन मुहावरे हैं; जैसे − कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। शेष मुहावरों को खोजिए और उनका अर्थ ज्ञात करने का प्रयास कीजिए।

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