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Class 8 वसंत भाग 3 Chapter 4. दीवानों की हस्ती Summary, Explanation, Question Answers (NCERT Solutions)

Deewano Ki Hasti (4. दीवानों की हस्ती) CBSE class 8 वसंत भाग 3 Chapter 4. दीवानों की हस्ती summary with detailed explanation of the lesson Deewano Ki Hasti along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with summary, explanation and questions and answers of each topic of lesson 4. दीवानों की हस्ती.

वसंत भाग 3 (Chapter 4. दीवानों की हस्ती) Solution
 कविता से

1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?

All Questions of वसंत भाग 3 Chapter 4. दीवानों की हस्ती
कविता से
1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
3. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?

कविता से आगे
  • जीवन में मस्ती होनी चाहिए, कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिये।

  • अनुमान और कल्पना
  • एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि "हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।" दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व है कि "मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।" यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं ?

  • भाषा की बात
  • संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छककर’ ‘जी भरकर’ और ‘खुलकर’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे – हँसकर, गाकर।

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