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Class 10 कृतिका भाग 2 Chapter 4. एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा! Summary, Explanation, Question Answers (NCERT Solutions)

Aehi Thaiyan Jhulni Herani Ho Rama (4. एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!) CBSE class 10 कृतिका भाग 2 Chapter 4. एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा! summary with detailed explanation of the lesson Aehi Thaiyan Jhulni Herani Ho Rama along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with summary, explanation and questions and answers of each topic of lesson 4. एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!.

कृतिका भाग 2 (Chapter 4. एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!) Solution
 प्रश्न अभ्यास

1. हमारी आजादी की लड़ाई में समाज के उपेक्षित माने जाने वाले वर्ग का योगदान भी कम नहीं रहा है। इस कहानी में ऐसे लोगों के योगदान को लेखक ने किस प्रकार उभारा है?

All Questions of कृतिका भाग 2 Chapter 4. एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!
प्रश्न अभ्यास
1. हमारी आजादी की लड़ाई में समाज के उपेक्षित माने जाने वाले वर्ग का योगदान भी कम नहीं रहा है। इस कहानी में ऐसे लोगों के योगदान को लेखक ने किस प्रकार उभारा है?
2. कठोर हृदयी समझी जाने वाली दुलारी टुन्नू की मृत्यु पर क्यों विचलित हो उठी?
3. कजली दंगल जैसी गतिविधियों का आयोजन क्यों हुआ करता होगा? कुछ और परंपरागत लोक आयोजनों का उल्लेख कीजिए।
4. दुलारी विशिष्ट कहे जाने वाले सामाजिक-सांस्कृतिक दायरे से बाहर है फिर भी अति विशिष्ट है। इस कथन को ध्यान में रखते हुए दुलारी की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
5. दुलारी का टुन्नू से पहली बार परिचय कहाँ और किस रूप में हुआ?
6. दुलारी का टुन्नू को यह कहना कहाँ तक उचित था-“तें सरबउला बोल ज़िन्नगी में कब देखते लोट?…!” दुलारी के इस आक्षेप में आज के युवा वर्ग के लिए क्या संदेश छिपा है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
7. भारत के स्वाधीनता आंदोलन में दुलारी और टुन्नू ने अपना योगदान किस प्रकार दिया?
8. दुलारी और टुन्नू के प्रेम के पीछे उनका कलाकार मन और उनकी कला थी? यह प्रेम दुलारी को देश प्रेम तक कैसे पहुँचाता है?
9. जलाए जाने वाले विदेशी वस्त्रों के ढेर से अधिकांश वस्त्र फटे-पुराने थे परंतु दुलारी द्वारा विदेशी मिलों में बनी कोरी साड़ियों का फेंका जाना उसकी किस मानसिकता को दर्शाता है?
10. "मन पर किसी का बस नहीं; वह रूप या उमर का कायल नहीं होता।" टुन्नू के इस कथन में उसका दुलारी के प्रति किशोर जनित प्रेम व्यक्त हुआ है, परंतु उसके विवेक ने उसके प्रेम को किस दिशा की ओर मोड़ा?
11. ‘एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!’ का प्रतीकार्थ समझाइए।

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